अयोध्या राम मंदिर पर आधारित डॉक्यूड्रामा में नजर आएंगे दिनेश कौशिक

Dinesh Kaushik to feature in Director Priyadarshan’s docudrama on Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर पर आधारित डॉक्यूड्रामा में नजर आएंगे दिनेश कौशिक।
अयोध्या राम मंदिर पर आधारित डॉक्यूड्रामा में नजर आएंगे दिनेश कौशिक 42560

Dinesh Kaushik to feature in Director Priyadarshan’s docudrama on Ayodhya Ram Mandir: मशहूर निर्देशक प्रियदर्शन चर्चा में है, क्योंकि वह वर्तमान में एक बेशकीमती परियोजना पर काम कर रहे हैं, जो अयोध्या राम मंदिर के इतिहास के इर्द गिर्द घूमती हुई एक डॉक्यूड्रामा होगी। मलयालम फिल्म निर्माता इस डॉक्यूड्रामा को पांच-एपिसोड की सीरीज के रूप में दर्शको के समझ पेश करेंगे

IWMBuzz.com की नई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस परियोजना से कई अहम किरदार जुड़ चुके हैं, जो दर्शको को लुभाने में कामयाब रहेंगे।

मिली जानकारी के अनुसार, सीरीज का प्रत्येक एपिसोड 45 मिनट का है, जिसक निर्माण अयोध्या मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया गया है, जिसके अधिकार दूरदर्शन और न्यूज़18 के पास हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रोडक्शन डिजाइनर साबू सिरिल और तमिल छायाकार दिवाकर मणि भी इस परियोजना का हिस्सा हैं।

डॉक्यूड्रामा के हिस्से के रूप में जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभाई पटेल, एबी बाजपेयी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी और इतिहासकार केके मुहम्मद जैसी हस्तियों के कई साक्षात्कार हैं।

अब हमे जानकारी मिली है, कि अनुभवी अभिनेता दिनेश कौशिक, जिन्हें आखिरी बार तेरी मेरी डोरियां में देखा गया था, डॉक्यूड्रामा में एक दिलचस्प भूमिका में नजर आएंगे।

दिनेश फिल्मों और टीवी में व्यापक अनुभव वाले अनुभवी अभिनेता हैं। उनके कुछ प्रसिद्ध कार्यों में फ़िल्म सरफ़रोश, बधाई हो बधाई, तेरे नाम जैसी परियोजना शामिल हैं।

हमने दिनेश से बात करने की कोशिश की, लेकिन हमें उनका कोई जवाब नहीं मिला।

हमने इस सीरीज के बारे में अधिक जानने के लिए निर्देशक प्रियदर्शन से बात करने की कोशिश की, लेकिन हम उनसे संपर्क नहीं कर पाए।

निर्देशक प्रियदर्शन अपने काम के साथ-साथ अन्य फिल्मों से भी मलयालम फिल्मों को हिंदी में रूपांतरित करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी सबसे उल्लेखनीय बॉलीवुड फिल्मों में हेरा फेरी, हंगामा, हलचल, गरम मसाला, भागम भाग, चुप चुप के, दे दना दन और भूल भुलैया शामिल हैं।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।