राजकुमार राव और वामिका गब्बी स्टारर ‘भूल चुक माफ’ की रिलीज जर्नी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं थी। पहले यह फिल्म 9 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन रिलीज से कुछ दिन पहले ही निर्माता मैडॉक फिल्म्स ने अचानक घोषणा की कि फिल्म सीधे अमेज़ॅन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम होगी। इस फैसले से थिएटर मालिकों में गुस्सा फैल गया.
सबसे बड़ा विरोध पीवीआर आईनॉक्स ने किया, जिसने मैडॉक फिल्म्स के खिलाफ 60 करोड़ रुपये के हर्जाने का मुकदमा दायर किया। उन्होंने कहा कि फिल्म की थिएटर रिलीज को लेकर पहले से सहमति बनी हुई थी और इसे तोड़ना कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन है. मामला तुरंत कोर्ट तक पहुंच गया और फिल्म की रिलीज को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई.
हालाँकि, पिछले सप्ताहांत कानूनी समझौते के बाद विवाद सुलझ गया। कोर्ट ने फिल्म को 23 मई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज करने की इजाजत दे दी है. इसके साथ ही मैडॉक फिल्म्स अब 15 मई से दोबारा प्रमोशन शुरू करेगी, ताकि दर्शकों के बीच फिर से उत्साह पैदा किया जा सके.
कोर्ट ने फिल्म की ओटीटी स्ट्रीमिंग को लेकर भी खास निर्देश दिए हैं. आमतौर पर हिंदी फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होने के 8 हफ्ते बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जाती हैं। लेकिन इस मामले में विशेष रियायत देते हुए कोर्ट ने फिल्म को 6 जून 2025 से अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम करने की इजाजत दे दी है. यह फैसला सिर्फ इसी फिल्म पर लागू होगा.
सबसे खास बात यह है कि PVRInox ने 60 करोड़ के हर्जाने का दावा वापस ले लिया है, जिससे अब दोनों पक्ष बिना किसी आर्थिक नुकसान के आगे बढ़ सकेंगे.
यह पूरा मामला अब फिल्म इंडस्ट्री में थिएटर रिलीज और ओटीटी के बीच समझौतों पर नए सवाल खड़े कर रहा है. खासकर तब जब देश में किसी तरह का राजनीतिक या सामाजिक हंगामा चल रहा हो.
अब जब फिल्म को आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज करने की मंजूरी मिल गई है, तो ध्यान एक बार फिर दर्शकों की प्रतिक्रिया और बॉक्स ऑफिस पर इसके प्रदर्शन पर होगा। मैडॉक फिल्म्स और पीवीआर आईनॉक्स का एक आधिकारिक संयुक्त बयान जल्द ही आने की उम्मीद है, जो आगे का रास्ता स्पष्ट करेगा।