Shaitaan Movie Review: आर माधवन की शैतानीं अंदाज के आगे फिके पड़े अजय देवगन

Shaitaan Movie Review: शैतान फिल्म की समीक्षा पढ़िए।
Shaitaan Movie Review: आर माधवन की शैतानीं अंदाज के आगे फिके पड़े अजय देवगन 42848

Shaitaan Movie Review: अजय देवगन (Ajay Devgan) ने एक बार फिर से दृश्यम फिल्म को दोहराने की कोशिश की है, मगर कमजोर कहानी ने उन्हें ऐसा करने में विफल कर दिया। अजय ने इस फिल्म में बिल्कुल दृश्यम के विजय सलगांवकर के किरदार को अपनाया है, जो अपने परिवार के लिए किसी भी हद को पार कर सकता है। गौरतलब है, कि अभिनेता शैतान (Shaitaan) फिल्म के निर्माता भी है और फिल्म के प्रमुख किरदार भी। हालांकि, फिल्म को देखकर ऐसा लगा, कि फिल्म में हमें सबसे ज्यादा जान्हवी यानी जानकी बोदीवाला (Janki Bodiwala) को दिखाया गया है। दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में आर माधवन (R Madhavan) सफल हुए, उनके डरावने अंदाज से फिल्म में कुछ हद तक रौनक बढ़ गई।

फिल्म की कहानी

कबीर (अजय देवगन) अपनी पत्नी ज्योति (ज्योतिका) और अपने बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए अपने फॉर्महाउस के लिए रवाना होता है। कबीर और उसके परिवार को रास्ते में, वनराज (आर माधवन) मिलता है, जो पहले तो उनकी मदद करता है, मगर बाद में वह कबीर की बेटी यानी जान्हवी (जानकी बोदीवाला) पर वशीकरण का काला जादू कर देता है। वनराज धीरे- धीरे जान्हवी और उसके परिवार पर हावी पड़ने लगता है, जिसके कारण फिल्म में हमें खूब मारा-मारी और खून-खराबा देखने को मिलता है। वनराज की इच्छा है, कि वह जान्हवी को अपने साथ लेकर जाए, मगर क्यों? यह जानने के लिए आपको इस फिल्म को देखना पड़ेगा।

फीकी कहानी में सितारों की मेहनत

कहानी भले ही कमजोर हो, लेकिन फिल्म के सारे कलाकारों ने खूब मेहनत की है। जानकी ने भी आर माधवन के इच्छा के मुताबिक अपने अलग-अलग पहलुओं को उजागर किया, जो बेहद शानदार था। वहीं अजय देवगन ने भी अपने किरदार के साथ पूरी ईमानदारी की है। इसके अलावा ज्योतिका के फाइटिंग सीन ने मेरा दिल जीत लिया। जबकि आर माधवन फिल्म के असली हीरो के रूप में उभरते हुए नजर आए। अभिनेता का डरावना अंदाज मुझे खूब पसंद आया और उनकी बारीकी ने मेरा दिल जीत लिया।

डायरेक्शन

इस डरावनी फिल्म के निर्देशन की कमान विकास बहल ने संभाली है, लेकिन वह भूल गए कि अगर कहानी कमजोर हो तो निर्देशक भी कुछ नहीं कर सकता। निर्देशक की कोशिश फिल्म में, नजर आती है। लेकिन, फिल्म की शुरुआत ही इतनी फीकी है, कि दर्शक पर्दे से बंध नहीं पाते हैं।

रेटिंग

फिल्म ने दर्शको को सोचने के लिए कुछ हद तक मजबुर किया, जिसके कारण मनोरंजन न्यूज इस फिल्म को 3 स्टार देता है। फिल्म से जुड़े ऐसे ही रिव्यू को पढ़ने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।