तुषार अमरीश गोयल द्वारा लिखित और निर्देशित तथा स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज प्रा. लि. और सीए सुरेश झा द्वारा प्रस्तुत ‘द ताज स्टोरी’, हर नए अपडेट के साथ दर्शकों के बीच ज़बरदस्त चर्चा का विषय बनती जा रही है। दमदार, विस्फोटक और सोचने पर मजबूर करती इस फिल्म से लगातार आ रही अपडेट्स के बाद अब मेकर्स ने फिल्म का एक और शक्तिशाली डायलॉग प्रोमो रिलीज़ किया है, जिसमें परेश रावल का दमदार कोर्टरूम मोनोलॉग है।
प्रोमो शेयर करते हुए मेकर्स ने लिखा है, “हमारी किताबें हमें इतिहास का सिर्फ एक ही चेहरा क्यों दिखाती हैं? सवाल पूछने का समय आ गया है!”
कोर्टरूम मोनोलॉग वाले इस ज़बरदस्त डायलॉग प्रोमो में परेश रावल एक ऐसा डायलॉग बोलते हैं जो न सिर्फ कोर्टरूम बल्कि इतिहास की आत्मा को झकझोरता है। इसमें वे पूछ रहे हैं कि आखिर भारत के इतिहास के कुछ अध्याय में ही राजा और उनके राजवंश को क्यों महिमामंडित किया गया है? जबकि कई अन्य गौरवशाली कहानियां बस “कहानी” बनकर रह गईं, जिससे लोग आज भी अनजान हैं। सच कहें तो ‘द ताज स्टोरी’ का यह सीन सिर्फ एक मुकदमे की बहस नहीं, बल्कि सदियों से दबे गर्व और भूली हुई अस्मिता का पुनर्जागरण है।
अगर यह कहें तो गलत नहीं होगा कि फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ ने न सिर्फ साहसी सवाल उठाने का साहस किया है, बल्कि देशभर में विचारों की नई बहस छेड़ने का पक्का इरादा भी कर लिया है।
परेश रावल के साथ जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नामित दास जैसे दमदार कलाकारों से सजी ‘द ताज स्टोरी’ सिर्फ एक पीरियड या ऐतिहासिक फिल्म नहीं, बल्कि एक सिनेमा आधारित बहस है, जो सामाजिक टिप्पणी के साथ इतिहास की पुनः समीक्षा प्रस्तुत करती है।
संगीत रोहित शर्मा और राहुल देव नाथ के संगीत निर्देशन में बनी फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ कथानक की तीव्रता के साथ भावनात्मक प्रभाव को भी गहरा करता है। 31 अक्टूबर 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में भव्य रूप से रिलीज़ हो रही ‘द ताज स्टोरी’ दर्शकों को सोचने, सवाल पूछने और शायद इतिहास व आज़ादी की परिभाषा को नए सिरे से समझने के लिए प्रेरित करेगी।
