Avanish Pandey: गांव की मिट्टी से निकलकर बॉलीवुड में आजमाया हाथ, बड़े-बड़े सितारों के साथ पर्दे पर दिखाया कमाल

Know more about the Avanish Pandey: मामला लीगल है में नोटरी वीरेंद्र माधव, लुटेरे में रौनक प्रधान और मै अटल हूं में प्रेम बिहारी वाजपेई के दमदार किरदार से लोगो को प्रभावित करने वाले अवनीश पांडे ने अपने मनोरंजन सफर से जुड़ी कई खास जानकारियों पर से पर्दा उठाया है।
Avanish Pandey: गांव की मिट्टी से निकलकर बॉलीवुड में आजमाया हाथ, बड़े-बड़े सितारों के साथ पर्दे पर दिखाया कमाल 44109

Know more about the Avanish Pandey: मनोरंजन उद्योग के प्रतिभाशाली अभिनेता अवनीश पांडे (Avanish Pandey) ने दर्शको को कई दफा अपने दमदार अभिनय का स्वाद चखाया है, जिससे दर्शको के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। गौरतलब है, कि प्रतिभाशाली अभिनेता को मामला लीगल है में नोटरी वीरेंद्र माधव, लुटेरे में रौनक प्रधान और मै अटल हूं में प्रेम बिहारी वाजपेई के दमदार किरदार से प्रसिद्धि मिली। अभिनेता ने अमिताभ बच्चन, पंकज त्रिपाठी, रवि किशन और जॉन अब्राहम समेत कई दिग्गज सितारों के साथ पर्दा साझा किया है। इसके अलावा अभिनेता की टोकरी में मिर्ज़ापुर 3, तेहरान और अमिताभ बच्चन अभिनीत अनाम फिल्म शामिल है।हालांकि, इस बार अभिनेता ने अपने मनोरंजन सफर से जुड़ी कई खास जानकारियों पर से पर्दा उठाया है।

1. आपको किस बॉलीवुड स्टार के साथ काम करने में सबसे ज्यादा मजा आया?

कई बॉलीवुड सितारों के साथ काम करने का मौका मिला, हर किसी की एक अलग छवि है, चाहे वह महानायक अमिताभ बच्चन साब हों, जॉन अब्राहम हों, अभिषेक बच्चन हों, रजत कपूर हों, पंकज त्रिपाठी हों या बॉलीवुड के कई अन्य कलाकार हों। मैंने बहुत सारे दमदार सितारों के साथ काम किया है। लेकिन आजकल जमीन से जुड़ा होने का दिखावा करना और हकीकत में जमीन से जुड़े होने में बहुत अंतर है, इसलिए सबसे ज्यादा मजा बच्चन साब के साथ आया। मेरी 3 दिन की शूटिंग थी, उस दिन मेरा उनके साथ एक सीन था। उस दिन मेरा सीन उनके साथ था उन्होंने मुझसे पूछा आप इलाहाबाद से है , फिर मैंने कुछ पुराने रोचक किस्से उनको बताए जो उन्हें नहीं मालूम थे , वे बहुत खुश हुए ।

2. आपके लिए अब तक का सबसे कठिन किरदार कौन-सा था?

मैं घूमने का शौकीन हूं! मुझे नए लोगों से मिलना, नए जगह का एक्सप्लोर करना पसंद है। इस वजह से मेरे पास तरह-तरह के किरदारों का खजाना है। अब तक जितना भी मौका मिला सभी किरदार कहीं न कहीं मेरे पिछले जीवन से जुड़े हुए मिले बहुत दिक्कत नही हुई ।

3. ‘मैं अटल हूं’ में पंकज त्रिपाठी के बड़े भाई बनकर आपको कैसा लगा?

जब एक सामान्य संघर्षशील अभिनेता बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाता है, तो वह अपने आप ही सबका चहेता बन जाता है और खासकर जो लोग आपके सामने रहे हैं और आपके बीच से ही निकले हैं, आपके साथ हैं तो और भी अच्छा लगता है। पंकज जी के साथ काम करने का एक अलग आनंद था , दिल्ली मंडी हाउस में उन्होंने अच्छा समय दिया था। उस दौरान मै एनएसडी में सिलेक्शन के लिए स्ट्रगल कर रहा था और मैं नहीं हो पाया। बाद में, मैंने काफी सालों तक वहीं थिएटर किया और मुंबई आ गया , सफर जारी है।

4. बड़े पर्दे पर किसके साथ काम करने की इच्छा है?

इरफान खान साब के साथ काम करने की इच्छा हमेशा से थी, लेकिन ये ख्वाब अधूरा रह गया। हालांकि, नसीरुद्दीन शाह सर के साथ काम करने की इच्छा मेरी जल्दी पूरी होगी ।

5. आप अपना प्रेरणास्रोत किसे मानते है?

मेरे प्रेरणास्रोत हमेशा से वो सभी स्ट्रग्लिंग अभिनेता रहे है, जो छोटे-छोटे कस्बों से गांव से निकल कर आते हैं और अभिनेता के तौर पर पहचान प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन स्ट्रगल करते है। हर साल इस लिस्ट में से कुछ लोग पहचान बना लेते है और कुछ नए नाम जुड़ जाते है।

6. कोई फिल्म जिसे आप करना चाहते थे, मगर वह फिल्म किसी और के हाथ लग गई?

हम रजत कपूर साहब के साथ केप टाउन में हॉट स्टार की वेब सीरीज लुटेरे की शूटिंग कर रहे थे। वह अपनी एक नई फिल्म पर काम कर रहे थे जिसे वह खुद प्रोड्यूस और डायरेक्ट करने वाले थे। उन्होंने लुटेरे में फिल्माए जा रहे मेरे कुछ सीन देखे थे और उन्होंने मुझे अपनी आने वाली फिल्म में एक रोल ऑफर किया था, जो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था। वह बहुत बड़ी बात थी। लेकिन, मैं ऐसा नहीं कर सका, इसी दौरान केप टाउन में कोरोना का नया ओमीक्रॉन वैरिएंट आ गया था, जिसके कारण सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हो गईं और वह भूमिका मेरे हाथ से चली गई, रजत सर पहले ही केप टाउन से आ चुके थे।

7. असल जिंदगी से जुड़ा कोई फिल्मी किरदार?

वेब सीरीज “बेसमेंट कंपनी ” में मैने पंकज पांडे का कैरक्टर प्ले किया है, जो की एक ऑफिस कॉमेडी की स्टोरी है। पंकज पांडे का किरदार मेरी असल जिंदगी से काफी मेल खाता है, क्योंकि इंजीनियरिंग करने के बाद मैंने कुछ समय तक कॉरपोरेट में भी काम किया और वहां मेरा रोल बिल्कुल “बेसमेंट कंपनी” में पंकज पांडे जैसा ही था।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।