फिल्म ‘जटाधारा’ के साथ सोनाक्षी सिन्हा स्क्रीन पर अब तक दिखाई गई सबसे रहस्यमयी और दिव्य मिथकीय शक्तियों में से एक ‘धन पिशाचिनी’ को जीवंत करने जा रही हैं, जो विशेष रूप से दिव्य ऊर्जा, रहस्य और ब्रह्मांडीय संतुलन का प्रतीक है। इस बेहद रहस्यमयी किरदार के बारे में जब फिल्म की निर्मात्री प्रेरणा अरोड़ा से बात की गई तो उन्होंने इस पर विस्तार से बात की क्योंकि इस चरित्र के क्रिएटिव रिसर्च और विज़ुअल आइडिएशन का नेतृत्व उन्होंने ही किया है। उन्होंने बताया, “धन पिशाचिनी असल मायनों में ऊर्जा का दिव्य रूप है। डायरेक्टर्स के पास उनके लुक की एक सोच थी, लेकिन मैंने उसे थोड़े अलग अंदाज़ में देखा। कई चर्चाओं और स्केचेज़ के बाद हम एक ऐसा लुक तैयार कर पाए, जो सिनेमाई रूप से भव्य भी हो और पौराणिक रूप से सच्चा भी। हमने लगभग तीन महीने सिर्फ उनके आभा, गहनों और संपूर्ण डिज़ाइन पर रिसर्च की, ताकि वह सौंदर्य और शक्ति दोनों का संतुलित रूप बन सके। पिशाचिनी न देवी है, न दानवी, बल्कि वह एक ऐसी ऊर्जा है, जो अच्छाई और बुराई, सुंदरता और भय दोनों को समान रूप से धारण करती है।”
माना जाता है की ‘धन पिशाचिनी’ की अवधारणा समुद्र मंथन की कथा से प्रेरित है। जब भगवान शिव ने विषपान कर ब्रह्मांड को विनाश से बचाया, तब उनकी बूंदों से धरती पर कुछ दिव्य स्त्रैण शक्तियाँ उत्पन्न हुईं और उन्हें ही ‘पिशाचिनी’ कहा गया।




हालांकि इस संदर्भ में फिल्म के निर्देशक वेंकट कल्याण बताते हैं, “हम चाहते थे कि पिशाचनी दिव्य दिखे, लेकिन साथ ही भयभीत करने वाली भी। वह न पूजा की जाती है, न डर का प्रतीक है, बल्कि वह स्वयं सृष्टि की द्वैतता का प्रतिनिधित्व करती है। उसका लुक, उसकी दृष्टि, उसकी आभा, सब कुछ ऐसा रचा गया है कि दर्शक एक साथ विस्मय और श्रद्धा दोनों महसूस करें।”
गौरतलब है कि कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर मोहित ने सोनाक्षी के हर लुक पर बारीकी से काम किया है, फिर वह चाहे उनके परिधान हों या उनके गहने हों। उनके बनाए हर विवरण में धन अर्थात समृद्धि के साथ ऊर्जा और ब्रह्मांडीय संतुलन की झलक भी मिलती है।
हालांकि अब जब फिल्म से सोनाक्षी का यह लुक उनके दर्शकों के सामने आ चुका है, तो तीन महीने की इस गहन तैयारी के बाद सोनाक्षी सिन्हा का यह मिथकीय रूप ‘जटाधारा’ की सबसे प्रभावशाली और चर्चित विज़ुअल झलकियों में से एक बन चुकी है।
